अक्सर यह देखा जाता है कि लोग वास्तु दोषों के कारण कठिनाइयों और समस्याओं का सामना करते हैं, लेकिन उन दोषों को दूर करने के लिए कदम नहीं उठाते। मैंने ऐसे कई उदाहरण देखे हैं जिनमें यदि वास्तु दोष दूर कर लिया जाए तो निश्चित रूप से लाभ होता है। इसका कारण यह है कि बहुत से वास्तु दोष ऐसे होते हैं जिनका यदि दोष निवारण कर लिया जाए तो बहुत शीघ्रता से लाभ होता है। यदि आपके घर, कार्यालय या फैक्ट्री में कोई बड़ा वास्तु दोष है, तो उसे ठीक करने में देरी नहीं करनी चाहिए। अन्यथा, आप ऐसी स्थिति का सामना कर सकते हैं जहां आर्थिक रूप से उस दोष को सुधारने में असमर्थ हो जाएंगे। उस समय चाहकर भी आप उस दोष से छुटकारा नहीं पा सकेंगे। इसलिए अविलम्ब वास्तु दोषों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। संपर्क करें ज्योतिस सत्यनारायण जांगिड़
जो आप सोचते हैं, वह हमेशा सच नहीं होता। यदि आप यह मानते हैं कि आप वास्तु दोषों के बावजूद जीवन को आसानी से जी लेंगे, तो यह संभव नहीं है। आप यह बात मान कर चले कि वास्तु दोषों के साथ जीना बहुत कठिन है। और यह तथ्य मैंने सैकड़ों उदाहरणों में अनुभव किया है। व्यक्ति बार बार प्रयास करता है लेकिन सफल नहीं होता है। वास्तु दोष उससे हमेशा गलत फैसला करवाते हैं जिनका बाद में उसे बहुत पच्छतावा होता है। इसलिए गंभीर वास्तु दोषों को जितना जल्दी हो सके हटा दें।
वैदिक काल से प्रचलन में है वास्तु
भारत के प्राचीन ऋषि-मुनियों ने मनुष्य पर प्रभाव डालने वाली पंचमहाभूतों, सौर ऊर्जा और चुम्बकीय क्षेत्रों से प्राप्त अक्षय ऊर्जा का अधिकतम लाभ उठाने के लिए वास्तु शास्त्र का निर्माण किया था। वास्तव में, वास्तु शास्त्र सिर्फ भवन निर्माण की कला नहीं है, बल्कि यह एक उन्नत शास्त्र है जो जीवन को संतुलित और समृद्ध बनाने में मदद करता है। भारतीय मनीषियों का मानना था कि घर किसी भी परिवार के लिए अनिवार्य है। फिर जिस चीज का कोई विकल्प नहीं है उसे हम क्यों नहीं शास्त्रों के आधार पर निर्मित करें। घर बनना तो निश्चित है। अब यह हमारे उपर निर्भर करता है कि हम घर वास्तु के नियमों के आधार पर बनाएं या फिर उसके विपरीत बनाएं। यदि हम वास्तु के नियमों के आधार पर घर का निर्माण करते हैं तो भविष्य में आने वाली बहुत सी समस्याओं से मुक्त रह सकते हैं। वास्तु के अनुसार घर बनाने से हमें बिना किसी अतिरिक्त खर्च के ही लाभ होता है|
समस्याएं क्यों आती हैं
समस्याओं का सीधा संबंध वास्तु दोषों से होता है। यदि घर में वास्तु दोष है तो आपको वे हमेशा परेशान करेंगे। बिजनेस में रूकावटें आयंेगी। घर में मांगलिक कार्य अर्थात् सगाई-विवाह में बाधा आयेगी। घर के सदस्यों के मध्य विचार भिन्नता रहेगी। शान्ति का अभाव रहेगा। चाह कर भी कुछ नया नहीं कर पायेंगे। बचत नहीं होगी। इस तरह से पूरा जीवन तनाव और संघर्ष में ही व्यतीत हो जाता है। यदि आप भी इस तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो अपने घर का वास्तु चैक करना चाहिए।
इसके लिए यह सूत्र देखें, और स्वयं पता करें कि आपकी के आधार पर वास्तु दोष कहां होना चाहिए।
– यदि रिश्ते खराब हो रहे हों तो निश्चित तौर पर नैर्ऋत्य कोण में वास्तु दोष होता है।
– इसी प्रकार से यदि वित्तिय संस्थाओं से संबंध खराब हो रहे हों तो वायव्य कोण में वास्तु दोष होता है।
– यदि ईशान कोण में दोष हो तो मांगलिक कार्यों में बाधा आती है। सगाई-विवाह नहीं हो पाते हैं। बच्चों का पढ़ाई में ध्यान नहीं लग पाता है।
– यदि अग्नि कोण में दोष हो तो आमदनी के बावजूद भी गरीबी बनी रहती है। नया कुछ नहीं होता है। घर में महिला सदस्य को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी रह सकती है। संपर्क करें ज्योतिस सत्यनारायण जांगिड़
वास्तु दोष कैसे दूर करें
दो तरह के वास्तु दोष होते हैं। एक वह वास्तु दोष है जिसे आप आसानी से हटा सकते हैं। दूसरा वह वास्तु दोष है जिसे दूर करने के लिए काफी कुछ परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है। आपको करना यह है कि आप किसी वास्तु विशेषज्ञ से मिलकर यह तय करें कि आपके घर, ऑफिस या फैक्टरी में कौन से वास्तु दोष हैं। उन सब दोषों की आप एक लिस्ट तैयार करें। मैं स्वयं ऐसा ही करता हूं। मैं जहां भी वास्तु विजिट करता हूं वहां वास्तु दोषों की दो अलग-अलग लिस्ट बना कर देता हूं। मैंने पहली लिस्ट का नाम सॉफ्ट लिस्ट रखा है और दूसरी का हार्ड लिस्ट। सॉफ्ट लिस्ट का अर्थ है कि वे वास्तु दोष जिनको दूर करने में बहुत धन का व्यय नहीं होगा, और न ही समय ही लगेगा। दूसरी लिस्ट में उन दोषों के बारे में बताया जाता है जिनको दूर करने के लिए क्लाइंट को धन और समय दोनों खर्च करने होंगे। अब मैं अपने क्लाइंट को यह सलाह देता हूं कि वह पहले सॉफ्ट लिस्ट से वास्तु दोषों को दूर करना आरम्भ करें। आप आश्चर्य करेंगे कि वह जैसे ही सॉफ्ट लिस्ट के वास्तु दोष दूर करता है वैसे ही हार्ड लिस्ट के दोषों को दूर करने की उसकी इच्छा शक्ति और क्षमता स्वतः ही बढ़ने लगती है। इस तरह से आप भी पहले उन दोषों को दूर करना शुरू करें जिनको कि आप आसानी से कर सकते हैं। आपको शीघ्र ही राहत का अनुभव होने लगेगा। और आप स्वयं को वास्तु दोषों से मुक्त कर पाने में सक्षम हो सकेंगे। संपर्क करें ज्योतिस सत्यनारायण जांगिड़