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यदि राहु के कारण परेशानी है तो ये करें उपायमात्र सात दिन में नेगेटिव राहु हो जायेगा पोजिटिव

राहु एक छाया ग्रह है। इसके पास धड़ नहीं है। इसलिए यह चीजों को देख तो सकता है, अनुभव कर सकता है लेकिन भोग नहीं सकता है। इसलिए इसमें नष्ट करने की प्रवृति अधिक होती है। एक सर्वसम्मत पाप ग्रह होने के बावजूद राहु राजनीति में सफलता दिलाता हैं। यदि राहु नकारात्मक परिणाम दे रहा है तो यह बहुत सामान्य उपायों से ही अपने फलित को बदल कर सकारात्मक फल देने में सक्षम हो जाता है। राहु की महादशा या अन्तरदशा में विवाह जैसे शुभ कार्यों किसी तरह की बाधा नहीं आती है। आकस्मिक धन प्राप्ति के योग में राहु को विशेष महत्व प्राप्त है। धन या पंचम स्थान पर राहु की दृष्टि से ही आकस्मिक धन प्राप्ति के योग अपना फलित दे पाते हैं। राहु जिस राशि में संस्थित होता है, उसे अपने पापत्व से दूषित कर देता है। यदि राहु अधिष्ठ राशि का स्वामी सशक्त न हो तो स्वयं भी पापी हो जाता है। कुंडली में तीसरे, छठे या ग्यारहवें भाव में पड़ा हुआ राहु अक्सर शुभ फल देता है। राहु और केतु की कोई निश्चित राशियां नहीं है। ऐसा माना जाता है कि ये जिस राशि में होते हैं उसके स्वामी के तद्नुसार व्यवहार करते हैं। इसलिए भावों और राशियों के आधार पर राहु का फल कहना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें ज्योतिस सत्यनारायण जांगिड़

राहु से जुड़ी हुई पौराणिक कथा क्या है ?
समुद्र मंथन के दौरान धोके से एक असुर ने अमृत पान कर लिया था। लेकिन श्री विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। चूंकि असुर ने अमृत पान कर लिया था। इसलिए उसे अमरत्व तो मिल चुका था इसलिए उसका मरना संभव नहीं था। दो भागों में विभक्त होने के बावजूद भी वह जीवित रहा। उसके उपर का भाग जो सिर था वह राहु कहलाया और नीचे का भाग जो धड़ था वह केतु के नाम से प्रसिद्ध हुआ।


बिजनेस और राहु
राहु एक छाया ग्रह है और अंधेरे का प्रतिनिधि ग्रह है। यह फिल्म उद्योग, राजनीति, जानवरों को खरीदना-बेचना, प्लास्टिक, हड्डियां, ज्योतिष, अचानक लाभ देने वाले बिजनेस जैसे शेयर, सट्टा, मादक पदार्थ जैसे चरस, अफीम, शराब आदि का कार्य, कोई भी कानूनी तौर पर प्रतिबंधित कार्य, जहर और एंटिबॉयटिक दवाइयां आदि का कार्य या बिजनेस राहु के अधीन आते हैं। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें ज्योतिस सत्यनारायण जांगिड़


जिन लोगों की जन्म कुंडली में दसवें घर का संबंध राहु से होता हो और राहु बलवान हो तो वह राजनीति में उच्च पद दिलाता है। ऐसे व्यक्ति की पहुंच उपर तक होती है। अकेला लग्न में राहु व्यक्ति के जीवन में अचानक होने वाली घटनाओं की पुनरावृत्ति करवाता है। लेकिन सभी मामलों में ऐसा नहीं है कि राहु शुभ हो या फिर अशुभ हो। कोई भी ग्रह अपने प्राकृतिक गुण को नहीं खोता है। लेकिन वह कुंडली की राशियों और ग्रहों के आधार पर शुभ या अशुभ बन जाता है। शनि और राहु जैसे पाप ग्रह भी शुभ होकर बहुत उन्नति प्रदान कर सकते हैं उसी प्रकार से बृहस्पति या शुक्र जैसे शुभ ग्रह भी यदि पीड़ित हों तो किसी पाप ग्रह की भांति व्यवहार करते हैं।


राहु यदि अशुभ हो तो क्या करें उपाय
श्री सरस्वती स्तोत्र का जाप, राहु की शान्ति के लिए रामबाण है। इसके अलावा राहु के तांत्रिक मंत्रों के 18000 जाप, दशांश अर्थात् 1800 मंत्रों से हवन, राहु की पूजा और अंत में राहु के दान से भी राहु की शान्ति होती है। लेकिन यह अनुष्ठान हमेशा किसी सुयोग्य विद्वान से संपन्न करवाना चाहिए।
यदि आप ज्यादा कुछ नहीं कर पाते हैं तो किसी भी बुधवार, शुक्रवार या शनिवार को संध्या या उसके बाद रात्रि के समय अपनी लम्बाई के बराबर नीला वस्त्र, उड़द दाल, छोटी तलवार, भूरे रंग का कंबल, सात प्रकार के धान और गोमेद पत्थर का दान करें। काफी हद तक इस दान से राहु की शान्ति होकर सुख और समृद्धि की पुनः प्राप्ति होती है। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें ज्योतिस सत्यनारायण जांगिड़

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